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कर्रेगुट्टा ताड़पाला: सुरक्षा और विकास का नया मोड़

बस्तर के ताड़पाला क्षेत्र में कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर स्थापित नया सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप राज्य की सुरक्षा रणनीति में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह कैंप न केवल माओवादी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए है, बल्कि स्थानीय जन जीवन में सुधार लाने का भी एक माध्यम बनेगा।

इस कैंप को सुरक्षा एवं जन कैम्प के नाम से स्थापित किया गया है। इसे CRPF और CoBRA की बटालियनों द्वारा संचालित किया जाएगा। यह एक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) के रूप में कार्य करेगा, जो क्षेत्र में सुरक्षा और नियंत्रण दोनों को मजबूत बनाएगा।

कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र को पहले माओवादी समूहों का सुरक्षित गढ़ माना जाता था। इस इलाके में नक्सलियों की गतिविधियों को रोकने और राज्य की उपस्थिति को मजबूत करने के लिए यह कदम आवश्यक था।

इससे पहले अप्रैल-मई 2025 में सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र में व्यापक अभियान चलाया था। 21 दिन चले ऑपरेशन में 31 माओवादी ढेर हुए, भारी हथियार, विस्फोटक और आपूर्ति सामग्री बरामद की गई। यह कैंप उसी अभियान की सफलता को कायम रखने का हिस्सा है।

कैंप केवल सैन्य उपस्थिति तक सीमित नहीं रहेगा। इसके माध्यम से आसपास के गांवों में सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएँ, स्कूल और मोबाइल नेटवर्क जैसी सुविधाएँ लाने की योजना है। यह सुनिश्चित करेगा कि सुरक्षा और विकास साथ-साथ चलें।

स्थानीय लोगों के लिए यह कैंप एक आश्वासन की तरह काम करेगा। सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इससे जनसंख्या का विश्वास और सहयोग बढ़ेगा।

कैंप स्थापित करते समय जवानों को कठिन परिश्रम करना पड़ा। ऊँची पहाड़ियाँ, घने जंगल, IED खतरे और सीमित पानी की आपूर्ति जैसी चुनौतियाँ थीं। बावजूद इसके, जवानों ने साहस और अनुशासन का परिचय दिया।

भविष्य में इस क्षेत्र में जंगल युद्ध और फील्ड क्राफ्ट प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना है। यह माओवादी गतिविधियों के खिलाफ तैयारी और प्रशिक्षित बल प्रदान करेगा।

CRPF और CoBRA की बटालियनों की भूमिका केवल निगरानी तक सीमित नहीं है। वे स्थानीय विकास परियोजनाओं में भी सहयोग करेंगे और समुदाय के साथ समन्वय बनाए रखेंगे।

यह कदम राज्य की समग्र रणनीति का हिस्सा है, जो माओवादी-प्रभावित क्षेत्रों में नियंत्रण, सुरक्षा और विकास को संतुलित रूप से लागू करने का प्रयास है। इसे ‘सुरक्षा के साथ विकास’ का मॉडल माना जा सकता है।

कर्रेगुट्टा ताड़पाला में स्थापित नया कैंप न केवल माओवादी गतिविधियों को रोकने में सहायक होगा, बल्कि स्थानीय जन जीवन में सुधार और विकास के नए अवसर भी लाएगा। यह दिखाता है कि जब सुरक्षा और विकास साथ चलते हैं, तो समाज में स्थायी बदलाव संभव है

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