जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण-2026 (Special Summary Revision) के दौरान निर्वाचन कार्य में लापरवाही और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना सामने आने पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर कुणाल दुदावत, दंतेवाड़ा ने 4 तहसीलदारों और 2 मुख्य नगरपालिका अधिकारियों (सीएमओ) को शोकॉज नोटिस जारी किए हैं। यह कार्रवाई कार्य की धीमी प्रगति और बिना वजह देरी को गंभीर लापरवाही मानते हुए की गई है।
समीक्षा बैठक में पता चला कि डिजिटाइजेशन कार्य बेहद कम स्तर पर चल रहा था। कटेकल्याण तहसील में 43.67%, दंतेवाड़ा में 48.24%, बड़े बचेली में 44.41% और कुआकोंडा में 43.13% डिजिटाइजेशन पाया गया। इसी तरह नगर पंचायत गीदम में 49.62% और दंतेवाड़ा नगरपालिका में 44.85% प्रगति दर्ज की गई। ये आंकड़े तय लक्ष्यों से काफी नीचे हैं, जिसके कारण प्रशासन ने कठोर रूख अपनाया है।
कलेक्टर दुदावत ने बैठक में स्पष्ट किया कि समय पर कार्य पूरा न करना सरकारी आदेशों की अवहेलना है और यह निर्वाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने अधिकारियों से जवाब मांगा है कि बावजूद बार-बार निर्देशों के, कार्य में सुधार क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि निर्वाचन कार्य संवेदनशील है और उसमें किसी भी स्तर की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि यदि आगामी दिनों में कार्य की गति में सुधार नहीं दिखा, तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि इसकी पूरी जिम्मेदारी अधिकारियों पर होगी और किसी भी प्रकार की बहाना-बाजी स्वीकार नहीं की जाएगी। प्रशासन ने अब दैनिक समीक्षा शुरू करने का निर्णय लिया है ताकि प्रगति पर निरंतर निगरानी रखी जा सके।
निर्वाचन विभाग का कहना है कि डिजिटाइजेशन प्रक्रिया मतदान सूची की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में अधिकारियों की लापरवाही लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित कर सकती है। नोटिस जारी होने के बाद अब सभी संबंधित तहसीलदारों और सीएमओ को अपनी-अपनी कार्य प्रगति का विस्तृत जवाब प्रशासन को भेजना होगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
4 तहसीलदार और 2 CMO को निर्वाचन कार्य में लापरवाही पर शोकॉज नोटिस

