राजस्थान के रामदेवरा से जयपुर की ओर रात 10:10 की हनुमान भाटी ट्रैवल्स की बस में यात्रा करना छह यात्रियों के लिए किसी भयावह अनुभव से कम नहीं रहा। यात्रियों ने प्रति व्यक्ति ₹1197 की टिकट राशि चुकाई, लेकिन टिकट बुकिंग के बाद सबसे पहला सवाल….पिकअप पॉइंट कहाँ होगा?….पूछने के लिए जब उन्होंने हनुमान ट्रेवल्स के नंबर पर फोन किया तो नंबर लगातार बंद मिला। किसी दूसरे नंबर पर संपर्क होने पर जवाब मिला कि रामदेवरा के नाचना चौराहा से पिकअप किया जाएगा।
लेकिन रात 9:45 पर जब यात्री नाचना चौराहा पहुँचे, तो वहाँ का दृश्य बेहद डरावना था। चारों तरफ घना अंधेरा, और बस एक कोने में शराब दुकान की हल्की रौशनी….इसी के सहारे चार महिलाएँ और दो पुरुष वहाँ खड़े रहे। वहीँ शराब पीकर गाली–गलौज करते युवक लगातार चक्कर काट रहे थे, जिससे यात्रियों, खासकर महिलाओं में दहशत फैल गई। न ट्रैवल्स का कोई काउंटर, न सुरक्षा, न पुलिस व्यवस्था… पूरा चौराहा मानो प्रशासन से बहिष्कृत क्षेत्र हो।
काफी देर बाद बस पहुँची, तो यात्री हैरान रह गए…जिन सीटों के लिए ₹1197 प्रति व्यक्ति लिए गए थे, उन सीटों पर पहले से लोकल लोग बैठाए जा चुके थे। आपत्ति करने पर ड्राइवर–कंडक्टर का रवैया उल्टा आरोप लगाने वाला था। जयपुर तक का पूरा सफर लोकल सवारियों की आवाजाही, धक्का–मुक्की और असुरक्षा के माहौल में गुजरा। महिलाओं ने खुलकर कहा कि यह यात्रा उनके लिए “सुरक्षा संकट” बन चुकी थी।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बात साफ कर दी, पर्यटन राज्य कहलाने वाले राजस्थान में यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दी गई है। रात के अंधेरे में असुरक्षित चौराहे पर महिलाओं को घंटों खड़ा रखना, टिकट लेकर भी सीट न देना, और यात्रियों को पूरी यात्रा में प्रताड़ित होने देना…क्या यही है प्रशासन और परिवहन विभाग की व्यवस्था?
यह सिर्फ लापरवाही नहीं, यात्रियों की सुरक्षा से खुला खिलवाड़ है। सवाल यह है कि कब तक यात्रियों को ऐसी अव्यवस्था झेलनी पड़ेगी, और कब तक प्रशासन चुप बैठा रहेगा?
रामदेवरा बस यात्रा में बड़ी लापरवाही अंधेरे चौराहे में महिलाएँ असुरक्षित

