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PLGA बटालियन-1 का कमांडर हिडमा मुठभेड़ में मारा गया

आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेडुमल्ली जंगलों में मंगलवार सुबह हुई मुठभेड़ में CPI (माओवादी) के केंद्रीय समिति सदस्य और PLGA बटालियन नंबर-1 के कमांडर हिदमा समेत छह माओवादी मारे गए। राज्य के खुफिया प्रमुख महेश चंद्र लड्ढा ने बताया कि मारे गए अन्य नक्सलियों में हिदमा की पत्नी और दंडकारण्य विशेष जोनल समिति सदस्य मड़काम राजे, डिविजनल कमेटी सदस्य लकमल, प्लाटून कमेटी के सदस्य कमलू और मल्ला तथा हिदमा का निजी गार्ड देवे शामिल हैं।

मुठभेड़ सुबह 6:30 बजे शुरू हुई और 7:10 बजे तक समाप्त हो गई। पिछले कुछ दिनों से पुलिस को लगातार इनपुट मिल रहे थे कि छत्तीसगढ़ में दबाव बढ़ने के कारण माओवादी नेतृत्व आंध्र प्रदेश में शरण लेने की योजना बना रहा है। इसी सूचना पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने तड़के विशेष अभियान चलाया। मुठभेड़ के बाद शवों की पहचान की गई, जिसमें हिडमा की मौजूदगी की पुष्टि हुई। पुलिस ने मौके से दो AK-47 राइफलें, एक पिस्टल, एक रिवॉल्वर, एक सिंगल बोर हथियार, भारी मात्रा में गोला-बारूद, किट बैग और अन्य सामग्री बरामद की है।

हिडमा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुरवटी गांव का निवासी था और देश के सबसे कुख्यात माओवादी नेताओं में शामिल था। 1991 में बाल संघम से जुड़ने के बाद वह लगातार संगठन के भीतर ऊपर बढ़ता गया और दक्षिण बस्तर क्षेत्र में दो दशक तक हुए कई बड़े हमलों का संचालक माना गया, जिनमें 2010 का ताडमेटला हमला, 2013 का दरभा/झीरम घाटी हमला, 2017 का बुरकापाल और 2021 का तर्रेम हमला शामिल है। उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था, जबकि उसकी पत्नी पर पचास लाख रुपये का इनाम था।

गृह मंत्रालय ने हाल ही में देश से वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए 31 मार्च 2026 की समय-सीमा तय की है और विश्वस्त सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को हिडमा को 30 नवंबर से पहले समाप्त करने का निर्देश भी दिया था। हिडमा की मौत इस लक्ष्य की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

उधर, दंडकारण्य क्षेत्र में पिछले महीनों में माओवादी संगठन में बड़े पैमाने पर गिरावट देखी गई है, जहाँ विभिन्न जिलों में वरिष्ठ नेताओं समेत सैकड़ों माओवादी हथियार डाल चुके हैं। महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में वरिष्ठ नेता मल्लोजूला वेनूगोपाल राव उर्फ सोनू दादा ने करीब 60 साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया, जबकि छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में 78 माओवादियों ने और 17 अक्टूबर को वरिष्ठ नेता रूपेश उर्फ सतीश के नेतृत्व में 209 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। पुलिस ने मारेडुमल्ली मुठभेड़ के बाद आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा, एनटीआर जिला, कृष्णा और काकीनाडा जिलों में समानांतर कार्रवाई करते हुए 31 नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार किया, जिनमें नौ लोग केंद्रीय समिति सदस्य तिप्पिरी तिरुपति उर्फ देवजी के अंगरक्षक बताए गए हैं।

पुलिस का कहना है कि कुछ माओवादी घटनास्थल से भागने में सफल हुए हैं और उन्हें पकड़ने के लिए कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है। मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रोफेसर जी. हरगोपाल ने कहा कि हिदमा की मौत संगठन के लिए बड़ा झटका है और इससे वामपंथी आंदोलन की दिशा पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

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