धमतरी जिले के कुरूद ब्लॉक में सोमवार को जनदर्शन कार्यक्रम उस वक्त अफरातफरी में बदल गया जब ग्राम पंचायत कुमार के निवासी कुमार साहू ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। युवक की यह हरकत देख मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और सैनिकों ने तत्परता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया, जिससे एक बड़ी घटना टल गई। साहू को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
न्याय न मिलने से उठाया आत्मदाह का कदम
कुमार साहू ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव के कोटवार ने उनकी पैतृक जमीन धोखे से अपने नाम करवा ली, और इस पूरे मामले में कुछ सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत रही।
साहू का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई बार पटवारी, तहसीलदार और “धमतरी में प्रशासनिक लापरवाही का विस्फोट — युवक ने खुद को जलाने की कोशिश की”राजस्व अधिकारियों से शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
निराश होकर उन्होंने सोमवार को जनदर्शन कार्यक्रम में अपनी समस्या लेकर पहुँचे और वहीं अपने ऊपर केरोसिन डालकर आत्मदाह का प्रयास किया।
कोटवार ने किया कब्जा, प्रशासन बना मूकदर्शक — पीड़ित
कुमार साहू ने बताया कि उनके परिवार की जमीन पर कोटवार ने कब्जा कर लिया और नामांतरण में हेराफेरी की। उन्होंने कहा —> मैं महीनों से प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट रहा हूँ। सबको बताया कि हमारी जमीन हड़प ली गई है, लेकिन किसी ने नहीं सुना। अब आत्मदाह ही आखिरी रास्ता बचा था।
प्रशासन में मची हलचल
घटना के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। कलेक्टर ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं और राजस्व विभाग को तीन दिन में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार,यदि किसी सरकारी अधिकारी या कोटवार की संलिप्तता पाई जाती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जनदर्शन कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी बढ़ाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
प्रशासनिक उदासीनता पर उठे सवाल
यह घटना जिले के प्रशासनिक तंत्र पर कई सवाल खड़े करती है — क्या जनदर्शन केवल औपचारिकता बनकर रह गया है? क्या गरीब और भूमिहीन किसानों को न्याय के लिए आत्मदाह की नौबत तक पहुँचना होगा? सबसे बड़ा सवाल — आखिर कब तक अधिकारियों की लापरवाही यूँ ही अनदेखी होती रहेगी?
स्थानीय जनता में आक्रोश
इस घटना के बाद इलाके में आक्रोश और सहानुभूति दोनों का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि कुमार साहू जैसे गरीब किसान को न्याय दिलाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषी कोटवार और संबंधित अधिकारियों पर फौजदारी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और नागरिक ऐसे कदम न उठाए।

