दंतेवाड़ा जिले के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बारसूर में पदस्थ शिक्षिका माधुरी उइके को प्रशासन ने हटा दिया है। यह कार्रवाई तब की गई जब विद्यालय की छात्राओं ने शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। छात्राओं का आरोप था कि शिक्षिका उनके साथ अमर्यादित व्यवहार करती थीं, गाली-गलौज करती थीं और कई बार कक्षा में अपमानजनक टिप्पणियां करती थीं। शिकायत सामने आने के बाद अभिभावकों ने भी जिला शिक्षा अधिकारी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
सूत्रों के अनुसार, छात्राओं ने पहले विद्यालय प्रबंधन से शिकायत की थी, लेकिन जब कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो मामला सार्वजनिक हो गया। इसके बाद दर्जनों छात्राओं ने स्कूल परिसर में प्रदर्शन किया और शिक्षिका को हटाने की मांग उठाई। मौके पर पहुंची शिक्षा विभाग की टीम ने बयान दर्ज किए और प्रारंभिक जांच के बाद शिक्षिका माधुरी उइके को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्णय लिया।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शिकायतों की पुष्टि के बाद शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच जिला स्तर पर गठित समिति कर रही है। विभाग का कहना है कि छात्राओं की सुरक्षा और सम्मान सर्वोपरि है, इसलिए जांच पूरी होने तक शिक्षिका को किसी अन्य विद्यालय में पदस्थ नहीं किया जाएगा।
इस घटना के बाद इलाके में शिक्षा संस्थानों में अनुशासन और शिक्षक-छात्र संबंधों को लेकर फिर से बहस शुरू हो गई है। अभिभावकों ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि स्कूलों में समय-समय पर छात्राओं की सुरक्षा और व्यवहार संबंधी शिकायतों की स्वतंत्र निगरानी की जाए ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
स्थानीय नागरिकों ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि छात्राओं की आवाज सुनी जानी चाहिए और यदि किसी शिक्षक द्वारा अमर्यादित व्यवहार किया जाता है, तो कार्रवाई जरूरी है। फिलहाल शिक्षिका माधुरी उइके ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वे जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं।

