बस्तर में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों और सरकार की रणनीति को बड़ी सफलता मिली है। केशकल डिवीजन (नॉर्थ सब ज़ोनल ब्यूरो) के कुंएमारी और किसकोडो एरिया कमेटी से जुड़े 21 सशस्त्र नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है।
इनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश सहित 13 महिला और 8 पुरुष कैडर शामिल हैं। समर्पित नक्सलियों ने कुल 18 हथियार सौंपे हैं, जिनमें 3 एके-47, 4 एसएलआर, 2 इंसास, 6 संख्या में .303 रायफल, 2 सिंगल शॉट रायफल और 1 बीजीएल शामिल है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस सामूहिक आत्मसमर्पण पर हर्ष जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में बनी संवेदनशील पुनर्वास नीति का यह परिणाम है। उन्होंने कहा —
> “जो हिंसा का मार्ग त्यागते हैं, उनका लाल कालीन बिछाकर स्वागत किया जाएगा, पर जो हथियार नहीं छोड़ेंगे, उनके खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेंगे।”
समर्पित माओवादियों में 4 डीवीसीएम, 9 एसीएम और 8 पार्टी सदस्य हैं। अब तक कुल 210 माओवादी पुनर्वास की राह चुन चुके हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम और उत्तर बस्तर में स्थिति सामान्य हो चुकी है, जबकि दक्षिण बस्तर में लगातार प्रयास जारी हैं ताकि बाकी माओवादी भी समाज की मुख्यधारा में लौटें।
शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण में भारतीय नस्ल के श्वानों की सराहना पर भी प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि यह “वोकल फॉर लोकल” की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है। नक्सल मोर्चे पर भारतीय नस्ल के श्वानों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है — एक ने तो 8 किलो आईईडी का पता लगाकर बड़ी दुर्घटना टाल दी।
21 नक्सलियों ने हथियार डाले, बस्तर में लाल आतंक के अंत की ओर कदम

